अस्पताल का निर्माण लोगों को दर्द तकलीफों से राहत पहुंचाने के लिए किया जाता है। अस्पताल एक ऐसा स्थान है जहां से मौत की तरफ जाता हुआ मनुष्य भी उल्टे पांव वापस आ जाता है।
यह एक ऐसी जगह है जहां मरते हुए व्यक्ति को जीवन दान दिया जाता है। परंतु कई बार डॉक्टरों की लाख कोशिशों के बाद भी कुछ मरीज़ों को मौत का सामना करना पड़ता है। तो ज़ाहिर है की हस्पताल मैं जहां एक तरफ नन्हीं जानों का जन्म होता है वहीं दूसरी तरफ बहुत लोगों को मृत्यु के घाट उतार दिया जाता है।
आज हम आपको कुछ ऐसे ही अस्पतालों की कहानियों और रहस्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां अधिकतर लोगों को मृत्यु का सामना करना पड़ा। इन अस्पतालों के अनसुलझे रहस्य मनुष्य को भयभीत कर देते हैं।
डेनवर लुनेटिक एसाइलम, मैसाचुसेट्स
स्थानीय लोगों द्वारा यह कहा जाता है कि इस हस्पताल में उन मरीज़ों की आत्माओं का साया है जिनका यहां पर्याप्त इलाज नहीं किया गया था।
1878 में बने इस अस्पताल में दिमागी रूप से असंतुलित अपराधियों का इलाज किया जाता था। परंतु अधिक डॉक्टर्स और स्टाफ ना होने के कारण कई मरीज़ों को इलाज की सुविधा प्राप्त नहीं हो पाती थी। इस वजह से कई अपराधी इलाज ना मिल पाने के कारण मृत्यु को प्यारे हो गए थे। कहा जाता है कि अस्पताल में आज भी इन अपराधियों की आत्माओं का वास है।
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बीलिट्स हेयलेसाटन हस्पताल, बर्लिन
माना जाता है कि जिन मरीज़ों कि इस अस्पताल में मृत्यु हुई थी उनकी आत्माएं आज भी इस स्थान पर भटक रही हैं।
वर्ल्ड वार द्वितीय के दौरान बनी इस बिल्डिंग का एक भयानक इतिहास है। टी बी आरोग्य निवास के रूप में बने इस हस्पताल में जंग के नाजियों का इलाज किया जाता था।
कहा जाता है कि पहले विश्व युद्ध के दौरान घायल हुए एडोल्फ हिटलर का इलाज भी यहीं किया गया था। इस अस्पताल का एक हिस्सा आज भी न्यूरोलॉजिकल पुनर्वास के रूप में चालू है, जहां पार्किंसन रोग के मरीज़ों का ध्यान रखा जाता है। अस्पताल का बाकी हिस्सा 1994 से ही बंद किया गया है। यहां मरने वाले मरीज़ आज भी आत्माओं के रूप में यहां भटक रहे हैं।
वेवरली हिल्स सेनिटोरियम, केंटकी
इस हस्पताल का निर्माण टी बी के मरीज़ों का इलाज करने के लिए किया गया था परंतु लगातार इलाज असफल होने के कारण कई मरीजों की मृत्यु हो गई।
मृत व्यक्तियों की संख्या इतनी बढ़ गई थी कि अस्पताल प्रशासन को ज़मीन के अंदर एक सुरंग बनाकर लाशों को दफनाना पड़ा। इसके बाद इसे एक पागलखाने के रूप में चलाया जाने लगा। परंतु मृत व्यक्तियों की संख्या फिर भी कम ना हो पाई। करीब 400 से ज्यादा लोगों की मृत्यु इस अस्पताल में दर्ज की गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि आज भी इस अस्पताल से अजीब आवाज़ें सुनाई देती हैं और भयानक परछाइयाँ भी नज़र आती हैं। यह भी कहा जाता है कि इस अस्पताल के पांचवे माले पर एक नर्स ने डॉक्टर के साथ गर्भवती होने पर आत्महत्या कर ली थी।
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ओल्ड चंगी अस्पताल, सिंगापुर
1935 में बने इस हस्पताल को वायु सेना हस्पताल के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। परंतु दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इसे जापानी कैदी शिविर में बदल दिया गया था, जहां जापानी विरोधियों पर अत्याचार किया जाता था।
कई लोगों ने शिकायत दर्ज कि है कि आज भी इस अस्पताल में जापानी सैनिक और बच्चे घूमते हुए नज़र आते हैं। अजीब आवाज़ें भी सुनाई देने की घटना दर्ज की गई है। कई लोगों को अनदेखे हाथों द्वारा खींचे जाने का भी आभास हुआ है।
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दुनिया के 4 सबसे भयानक और रहस्यमयी अस्पताल – Part 2