बीचवर्थ लुनाटिक एसाइलम, ऑस्ट्रेलिया
सूत्रों के अनुसार अस्पताल में आज भी बुरी तरह प्रताड़ित किए जाने वाले मरीज़ों की रूहों का वास है।
ऑस्ट्रेलिया के इस आरोग्य निवास में असंतुलित, हिंसक और प्रताड़ित अपराधियों को रखा जाता था। कहा जाता है कि यहां के कर्मचारी बेहद दुष्ट थे और मरीज़ों को प्रताड़ित किया करते थे। उस समय कई व्यक्तियों के गायब होने की घटनाएं भी सामने आई थी परंतु इन खबरों को दबा दिया गया था।
अफ़वाहों के अनुसार इस अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा मरीज़ों पर घातक परीक्षण किए जाते थे जिससे करीब 3000 मरीज़ों की मृत्यु हो गई थी। आज भी स्थानीय लोगों को यहां से छोटे बच्चों के खेलने की आवाज़ें सुनाई देती हैं। अस्पताल की गैलरी में आज भी कुछ रहस्यमय परछाइयाँ नज़र आती हैं।
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सेवेराल्स हॉस्पिटल, इंग्लैंड
कहा जाता है कि इस हस्पताल में दूसरे विश्व युद्ध के मरीज़ों का साया मंडराता हुआ महसूस होता है।
रिपोर्ट्स के अनुसार इस मनोरोग अस्पताल में मरीज़ों को प्रताड़ित किया जाता था। कहां जाता है कि इस अस्पताल में भर्ती मरीज़ वास्तविकता में मानसिक तौर से बीमार थे ही नहीं।
कई औरतों और युवाओं को ज़बरदस्ती यहां भर्ती किया जाता था और उन्हें बेहद कठोर यातनाओं का सामना करना पड़ता था। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान इस अस्पताल के कई मरीज़ों की जर्मन बमबारी की वजह से मृत्यु हो गई थी।
कहा जाता है कि आज भी इस अस्पताल में दाखिल होते ही ऐसा प्रतीत होता है जैसे कोई शक्ति उन्हें अपनी ओर खींच रही हो या जैसे कोई साया उन्हें लगातार देख रहा हो।
इस भय ने वर्षों से लोगों को इस बिल्डिंग के नज़दीक आने से रोका हुआ है।
टॉन्टन स्टेट हॉस्पिटल, मैसाचुसेट्स
अन्य अस्पतालों की तरह इस अस्पताल के पीछे भी एक रोचक इतिहास है। कहां जाता है कि यहां के डॉक्टरों को मानसिक रूप से असंतुलित मरीज़ों पर अमानवीय परीक्षण करने की पूरी आज़ादी थी।
यहां तक कि यह भी कहा गया है कि यह डॉक्टर्स मरीज़ों के शरीर का इस्तेमाल शैतानी रस्मों को पूरा करने के लिए भी किया करते थे। आज भी इस अस्पताल से चीखने, चिल्लाने और रोने की आवाज़ें सुनाई देती हैं। इसके अलावा कुछ परछाइयां दीवारों पर रेंगती हुई भी नज़र आती हैं।
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साई यिंग पुन साइकिएट्री हस्पताल, हांगकांग
सूत्रों के अनुसार इस अस्पताल में उन मरीजों की आत्माएं घूमती है जिन्हें यहां निष्पादित किया गया था।
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान एशिया के इस अस्पताल को जापानी सेना द्वारा हड़प लिया गया था। यहां वह जंग के अपराधियों को कैद किया करते थे। जंग के समय इसे निष्पादन मैदान के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता था।
स्थानीय लोगों के मुताबिक आज भी इसके गलियारे में धड़ से सर अलग हुए वाली आत्माएं घूमा करती हैं। यह आत्माएं वर्षों से न्याय के लिए निवेदन कर रही हैं।
लोगों ने शैतान जैसे पहनावे में एक चीनी को भी देखा है जो लोगों से नज़रें मिलाते ही आग की तरह ज्वलित हो जाता है।
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Research Credit: ScoopWHOOP