महाबली योद्धा रावण के बारे में रोचक बातें?

आज हम आपके समक्ष महागाथा महाकाव्य रामायण का एक और रोचक किस्सा बताने जा रहे हैं जिससे ज़्यादातर लोग अनजान हैं। हम रामायण के एक ऐसे पात्र के बारे में बात करेंगे जिसे हर कोई जानता है, परंतु उसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।

जी हां ! हम बात कर रहे हैं लंकापति रावण की। हम सब जानते हैं कि रावण ने माता सीता का अपहरण करके उन्हें काफ़ी समय तक बंदी बना कर रखा था। हनुमान की सहायता से भगवान श्री राम माता सीता को रावण की लंका से बचा कर लाए थे। श्री राम द्वारा ही रावण की मृत्यु हुई थी।

इतिहास रावण को एक दुष्ट और पापी राजा के नाम से याद रखता है परन्तु इस महाज्ञानी पंडित के बारे में कई ऐसी रोचक बातें हैं जो कोई नहीं जानता।

रावण एक बहुत ही वीर योद्धा था। उसने कई युद्ध अकेले ही अपने बल पर जीते थे। उसने यमलोक में यमराज को हरा कर, नरक में सज़ा भोग रही जीवात्माओं को भी मुक्त करके अपनी सेना में शामिल कर लिया था।

इसलिए रावण के बल और बुद्धि पर किसी को भी कोई संदेह नहीं था। परंतु इतने शक्तिशाली रावण को भी कई बार हर का सामना करना पड़ा था।

क्या आप जानते हैं रावण कब और किससे हारा था?

1. महाबलशाली बाली ने भी रावण को गर्दन से दबोच कर 4 बार समुद्र की परिक्रमा की थी।

2. सहस्त्रबाहु ने भी अपने हज़ार हाथों से नर्मदा के भाव को रोक कर पानी इकट्ठा करके उस पानी में रावण की सेना को डूबा दिया था।

3. भगवान शिव से भी पराजित हो कर ही रावण ने उन्हें अपना गुरु माना था

अन्य दिलचस्प तथ्य

कविताएं लिखने में भी रावण पारंगत था। उसने कहीं कविताओं और श्लोकों की रचना भी की थी। शिव तांडव भी उनमें से एक था।

माता सरस्वती के हाथ में पकड़ा हुआ रुद्रवीणा भी रावण द्वारा ही बनाया गया था।रावण रुद्रवीणा बजाने में पारंगत था । भगवान शिव के कहने पर ही उसने चारों वेदों को संगीतबद्ध किया था।

गृह नक्षत्रों को भी रावण अपने हिसाब से चलाता था। अपने पुत्र मेघनाथ के जन्म से पहले भी रावण ने ग्रहों को काबू में करके अपने पुत्र को अमर करने का सोच लिया था। परंतु अंतिम समय पर शनि के चाल बदलने की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। रावण ने अपनी शक्तियों से शनि को भी पराजित कर दिया था।

– साम्राज्य

उसका साम्राज्य श्री लंका से बाली, मालद्वीप यानी मलेशिया तक था।

– वरदान

रावण को वरदान था कि कोई देवता, राक्षस या गंदर्भ उसका वध नहीं कर सकता। इसलिए रावण का वध करने के लिए भगवान विष्णु को मनुष्य का अवतार के कर धरती पर आना पड़ा था।

– पुष्पक विमान

अपने भाई कुबेर से युद्ध करके रावण ने पुष्पक विमान भी छीन लिया था। पुष्पक विमान अपने आप में एक अद्भुत विमान था जो अपनी गति से चलता था और इसे इच्छा अनुसार छोटा या बड़ा किया जा सकता था।

– अर्धब्राह्मण और अर्धराक्षस

रावण अर्धब्राह्मण और अर्धराक्षस था। रावण के पिता एक ब्राह्मण थे और उनकी माता कैकसी राक्षसनी थीं।

– लाल किताब का लेखक

कहा जाता है कि लाल किताब का लेखक भी रावण ही था अपनी शक्तियों और अहंकार की वजह से उसने लाल किताब का प्रभाव खो दिया था।

रावण का वध करने के लिए श्री राम को समुद्र पार करके लंका की ओर जाना था। कार्य शुरू करने से एक रात पहले उन्होंने यज्ञ की तैयारी की और रामेश्वरम में भगवान शिव की आराधना करने का निश्चय किया। यज्ञ के लिए उन्हें किसी विद्वान पंडित की आवश्यकता थी। जब उन्हें ज्ञात हुआ कि रावण खुद एक पंडित है तो उन्होंने यज्ञ के लिए रावण को न्योता भेजा।

शिवजी के यज्ञ के लिए मना ना कर पाने हेतु रावण ने रामेश्वरम पहुंच कर यज्ञ को पूरा किया। यज्ञ के खत्म होने पर श्री राम ने रावण से उसी का वध करने के लिए आशीर्वाद मांगा तो रावण ने उन्हें तथास्तु कहकर अपना आशीर्वाद भी दिया।

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