Prajita Meaning in Hindi ढूंढ रहे हैं ? इस पोस्ट में हमने प्राजिता नाम से सम्बंधित सारी जानकारियां आपके लिए जुटाई हैं। जैसे कि प्राजिता नाम का मतलब, राशि, शुभ अंक, नक्षत्र आदि। तो आइये जानते हैं इस नाम से सम्बंधित सभी जानकारियां।
प्राजिता नाम का मतलब/Prajita Meaning in Hindi
नाम | प्राजिता/Prajita |
नाम का अर्थ | विजेता |
लिंग | लड़की |
धर्म | सनातनी हिन्दू |
राशि | कन्या राशि/Virgo |
अंकज्योतिष | 3 |
शुभ रत्न | पन्ना रत्न/Emerald |
शुभ रंग | नीला, हरा, स्वेत एवं संतरी |
ग्रह स्वामी | बुध/Mercury |
मित्र राशि | वृष, कुम्भ, मकर |
प्राजिता नाम का अर्थ क्या होता है?
अपनी नवजात बच्ची के लिए आपने प्राजिता नाम का चयन किया है तो सबसे पहले इस नाम का अर्थ जान लेना अति आवश्यक है। प्राजिता नाम का मतलब Prajita Meaning in Hindi होता है विजेता
प्राजिता नाम की लड़कियों का व्यक्तित्व कैसा होता है?
मध्यम कद, कोमल शरीर, सुंदर व आकर्षक आखें, लम्बी नाक, वाणी तेज होगी। जातिका प्रियभाषी, हर कार्य में सहायक, लज्जाशील प्रकृति, नरम स्वभाव व नीति के अनुकूल काम करने वाली होगी।
प्राजिता नाम की राशि क्या है?
इस नाम की राशि कन्या है। जातिका प्रियभाषी, हर कार्य में सहायक, लज्जाशील प्राजिता, नरम स्वभाव व नीति के अनुकूल काम करने वाली होगी। कल्पनाशील, सूक्ष्मदर्शी एवं संवेदनशील स्वभाव होगा। शांतचित एवं शांत प्रवृति होगी।
इस राशि के जातिका में आश्चर्यजनक स्मरणशक्ति और प्रखर बुद्धि होती है। एक बार जिस लक्ष्य का निर्धारण कर लेते हैं उसे हर हाल में पूरा करके ही इन्हे संतुष्टि प्राप्त होती है। बुध-शुक्र का शुभ योग होने से लेखा- गणित, संगीत,कला, अध्यापन, लेखन, क्रय-विक्रय, चित्रकारी, अभिनयकला में विशेष रूचि रहती है।
प्राजिता नाम का शुभ अंक क्या होता है?
इस नाम की जतिका के लिए 5 अंक बहुत ही शुभ है प्राजिता नाम की लड़कियों की मानसिक शक्ति अद्भुत होती है इन्हे जहाँ ज्ञान मिल रहा हो बटोर लेती हैं। शुभ अंक 5 वाले लोग स्वयं अपना लक्ष्य तय करते है और अपनी मन के मुताबिक हर कार्य करना पसंद करते हैं।
प्राजिता नाम का नक्षत्र क्या है?
इस नाम का नक्षत्र हस्त है। हस्त नक्षत्र से सम्बंधित और अक्षर इस प्रकार है- पु, पू, ष, ण, ठ। इस नक्षत्र का चिन्ह हथेली को माना जाता है।
प्राजिता नाम के लिए शुभ रत्न कौन सा है?
इस नाम के लिए पन्ना रत्न बहुत ही शुभ है – हरे वर्ण वाला दूध रत्न है इसको शुक्ल पक्ष के बुधवार के दिन आश्लेषा, ज्येष्ठा या रेवती नक्षत्र में पहने। 6 रत्ती वजन हो तो अत्यंत प्रभावकारी होता है सोने की अंगूठी में दाएं हाथ की कनिष्ठिका उंगली में धारण करना चाहिए
याद रखें कि रत्न हर किसी को लाभ नहीं पहुंचाते। कई बार इन्हे धारण करने से हानि भी हो सकती है। इसलिए किसी अच्छे रत्नो के जानकार से एक बार अवश्य मंत्रणा करें। उसके मार्गदर्शन के बाद ही रत्न धारण करें।