Parichay Meaning in Hindi ढूंढ रहे हैं तो आप सही जगह पर है। इस पोस्ट में हमने परिचय नाम से सम्बंधित सारी जानकारियां आपके लिए जुटाई हैं। जैसे परिचय नाम का मतलब, राशि, शुभ अंक, नक्षत्र आदि। तो आइये जानते हैं इस नाम से सम्बंधित सभी जानकारियां।
परिचय नाम का मतलब/Parichay Meaning in Hindi
नाम | परिचय/Parichay |
नाम का अर्थ | परिचय करवाना |
लिंग | लड़का |
धर्म | सनातनी हिन्दू |
राशि | कन्या राशि/Virgo |
अंकज्योतिष | 3 |
शुभ रत्न | पन्ना रत्न/Emerald |
शुभ रंग | नीला, हरा, स्वेत एवं संतरी |
ग्रह स्वामी | बुध/Mercury |
मित्र राशि | वृष, कुम्भ, मकर |
परिचय नाम के व्यक्ति का व्यक्तित्व कैसा होता है?
अपने नवजात बच्चे का नाम परिचय रखने की सोच रहे हैं ? तो परिचय नाम का अर्थ जान लीजिये। Parichay Meaning in Hindi होता है परिचय करवाना
परिचय नाम के व्यक्ति का व्यक्तित्व कैसा होता है?
मध्यम कद, कोमल शरीर, सुंदर व आकर्षक आखें, लम्बी नाक, वाणी तेज व कुछ बारीक होगी। जातक प्रियभाषी, हर कार्य में सहायक, लज्जाशील प्रकृति, नरम स्वभाव व नीति के अनुकूल काम करने वाला होगा।
परिचय नाम की राशि क्या है?
इस नाम की राशि कन्या है। जातक प्रियभाषी, हर कार्य में सहायक, लज्जाशील प्रकृति, नरम स्वभाव व नीति के अनुकूल काम करने वाला होगा। कल्पनाशील, सूक्ष्मदर्शी एवं संवेदनशील स्वभाव का होगा। शांतचित एवं शांत प्रवृति होगी।
इस राशि के जातक में आश्चर्यजनक स्मरणशक्ति और प्रखर बुद्धि होती है। जो लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं उसे हर हाल में पूरा करके ही संतुष्ट होते हैं।
बुध-शुक्र का शुभ योग होने से लेखा- गणित, संगीत,कला, अध्यापन, लेखन, क्रय-विक्रय, चित्रकारी, अभिनयकला में विशेष रूचि रहती है।
परिचय नाम का शुभ अंक क्या होता है?
इस नाम की व्यक्ति के लिए 5 अंक बहुत ही शुभ है परिचय नाम के व्यक्तियों की मानसिक शक्ति अद्भुत होती है इनको हर तरफ से ज्ञान बटोरना अच्छा लगता है। शुभ अंक 5 वाले लोग स्वयं अपना लक्ष्य तय करते है और अपनी मन के मुताबिक हर कार्य करना पसंद करते हैं।
परिचय नाम का नक्षत्र क्या है?
इस नाम का नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी है। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र से सम्बंधित और अक्षर इस प्रकार है- टे,टो,प,पा,पी। इस नक्षत्र का चिन्ह चारपाई के पिछले दो पायों को माना जाता है।
परिचय नाम के लिए शुभ रत्न कौन सा है?
इस नाम के लिए पन्ना रत्न बहुत ही शुभ है – हरे वर्ण वाला दूध रत्न है इसको शुक्ल पक्ष के बुधवार के दिन आश्लेषा, ज्येष्ठा या रेवती नक्षत्र में पहने। 6 रत्ती वजन हो तो अत्यंत प्रभावकारी होता है सोने की अंगूठी में दाएं हाथ की कनिष्ठिका उंगली में धारण करना चाहिए
याद रखें कि रत्न हर किसी को लाभ नहीं पहुंचाते। कई बार इन्हे धारण करने से हानि भी हो सकती है। इसलिए किसी अच्छे रत्नो के जानकार से एक बार अवश्य मंत्रणा करें। उसके मार्गदर्शन के बाद ही रत्न धारण करें।