शिवरात्रि के पावन पर्व पर भोलेनाथ के कुछ अद्भुत मंदिरों के दर्शन

महाशिवरात्रि शिव भक्तों का सबसे बड़ा उत्सव है हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का त्यौहार बहुत उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। भगवान भोलेनाथ की भक्ति के लिए यह दिन बेहद खास माना जाता है।

महाशिवरात्रि हर साल फागुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर मनाई जाती है इस दिन शिव के सभी मंदिरों में भक्त उनके दर्शन और आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और पार्वती की आराधना की जाती है।

तो आइये करते हैं भगवान भोलेनाथ के कुछ अद्भुत मंदिरों के दर्शन यह मंदिर भगवान शिव के भक्तों की आस्था का केंद्र है

Maha Shivratri
Mahashivratri

ओंकारेश्वर धाम

ओंकारेश्वर धाम नर्मदा की नदी के किनारे महादेव का अलौकिक धाम हैं वह स्थान जहाँ भगवान शिव बसते हैं। जहाँ के कण-कण में महादेव का वास है भगवान शंकर के आशीर्वाद से बसी इस नगरी का नाम भी उन्ही की प्रतिछाया है ओंकारेश्वर। 

यह स्थान प्राचीन काल से ही तीर्थ स्थल के रूप विख्यात है द्वीप का आकार ॐ अक्षर की तरह है। इसलिए इसका नाम ओंकारेश्वर पड़ा ऐसी मान्यता है कि ओंकारेश्वर में स्थापित लिंग किसी मनुष्य के द्वारा तराशा नहीं है बल्कि स्वयंभू (प्राकृतिक) शिवलिंग है।

श्री महाकालेश्वर

शिव स्वरुप परम पवित्र ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर मध्य प्रदेश के उज्जैन में है महाभारत शिव पुराण और स्कन्द पुराण में महाकाल ज्योतिर्लिंग का की महिमा का वर्णन मिलता है कहते हैं की कि महाकाल ज्योतिर्लिंग की पूजा अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।

काल के दो अर्थ होते है पहला समय और दूसरा मृत्यु यहाँ की भस्म आरती विश्व प्रसिद्ध है। महाकाल हर काल में भक्तों की रक्षा करते हैं। महाकाल के दर्शन मात्र से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

सोमनाथ मंदिर

गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में समुद्र के किनारे सोमनाथ मंदिर में ज्योतिर्लिंग स्थापित है। पश्चिम में अरब सागर के किनारे बने ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर की छठा ही निराली है। यह तीर्थ स्थान प्राचीनतम तीर्थों में से एक है। और इसका उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथो में भी मिलता है। यहां आने वाले भक्तों पर भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा बरसती है

काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित सबसे प्रसिद्ध हिन्दू मंदिरों में से एक है। उत्तर प्रदेश वाराणसी में यह मंदिर मां गंगा के पश्चिमी तट पर स्तिथ है। काशी विश्वनाथ की गिनती बारह ज्योतिर्लिंगों में की जाती है। 

भगवान शिव को विश्वनाथ और विश्वेश्वर नाथ के नाम से भी जाना जाता है जिसका का अर्थ है ब्रह्माण्ड के शासक इसलिए इस मंदिर को काशी विश्वनाथ कहा जाता है।

मल्लिकार्जुन मंदिर

आंध्र प्रदेश के कृष्ण नदी के तट के एक पर्वत पर भगवान शिव का मलिकार्जुन ज्योतिर्लिंग स्तिथ है। स्कन्द पुराण के श्री शैल काण्ड में इस मंदिर का वर्णन मिलता है। मान्यता हैं कि यहाँ आने वाले भक्तों को अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य मिलता है।

केदारनाथ मंदिर

उत्तराखंड की पहाड़ियों में भगवान शिव केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान हैं। केदारनाथ का महत्व कैलाश धाम जितना ही है। हिन्दू धर्म की मान्यताओं में केदारनाथ ऊर्जा का बहुत बड़ा केंद्र माना जाता है। पशुपतिनाथ का पिछला हिस्सा विराजित है।

बाबा बैद्यनाथ मंदिर

झारखण्ड के देवघर में स्तिथ बैद्यनाथ धाम अनंत फलों को देने वाला है। इसके ऊपर अंगूठे के आकार का गड्ढा है। माना जाता है कि ये वही निशान है जिसे रावण ने अपने अंगूठे से बनाया था। यहाँ अलग-अलग तीर्थों से लाया हुआ जल चढाने का विधान है।

महाशिवरात्रि का पवन त्यौहार पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की उपासना का बहुत महत्व है। ऐसा कहते है कि इस त्यौहार पर जो भी सच्चे मन से भगवान शिव का स्मरण करता है भोलेनाथ उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

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