New Delhi: वित्तीय कारवाई कार्यदल द्वारा पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट किए जाने की दूसरी चेतावनी दी गई है। इसी विषय पर आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ सख़्त कदम उठाए।
जनरल बिपिन ने कहा कि किसी भी देश के लिए ग्रे लिस्ट में आना एक बहुत बड़ी नाकामयाबी होती है इसलिए पाकिस्तान पर बेहद तनाव होना चाहिए। उन्होंने पाकिस्तान को विश्व शांति के लिए कार्य करने का सुझाव दिया।
पाकिस्तान को वित्तीय कारवाई कार्यदल द्वारा चार और महीने की छूट दे दी गई है। पाकिस्तान को पेरिस के कार्यदल द्वारा कार्ययोजना सौंपी गई थी जिसे उन्हें अक्टूबर 2019 तक पूरा करना था परन्तु पाकिस्तान इन 27 टारगेट को पूरा करने में असफल रही।
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पाकिस्तान पर कई बार आतंकवादी वित्तपोषण करने व आतंकवादियों को आश्रय देने का आरोप लगाया गया है।
समयसीमा को अब फरवरी 2020 तक बढ़ा दिया गया है। पेरिस में हुई 5 दिन की इस मीटिंग में यह सामने आया था कि पाकिस्तान 27 में से सिर्फ 5 कार्य करने में सफल रही थी परन्तु अपने सदैव मित्र चीन के साथ की वजह से यह ब्लैकलिस्ट में जाने से सुरक्षित हो गया।
भारतीय सरकारी अधिकारियों के मुताबिक पाकिस्तान के खिलाफ सबूत बेहद मजबूत हैं जिस वजह से उसका प्रिय मित्र चीन भी उसे ग्रे लिस्ट से हटाने में सहायता नहीं कर पाया। इस सबसे पाकिस्तान के 2020 की ब्लैकलिस्ट में जाने की संभावना और भी बढ़ती हुई नज़र आती है।
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भारतीय सूत्रों के अनुसार एशिया पैसिफिक ग्रुप के फैसला के बाद से पाकिस्तान खुद को ब्लैकलिस्ट से सुरक्षित रखने के लिए पैरवी रणनीति का उपयोग कर रहा है ।
एक अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए बताया की राजनीतिक पैरवी, वित्तीय कारवाई कार्यदल के नियमों के खिलाफ है परन्तु तब भी इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 24 देशों की पैरवी का सहयोग लेते हुए पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में जाने से रोक लिया।
कुछ दिन पहले पाकिस्तान ने हाफ़िज़ सईद और लश्कर- ए – तैयबा के 4 अन्य आतंकवादियों पर वित्तपोषण का आरोप लगाते हुए मुकदमा शुरू किया था। परंतु यह सिर्फ विश्व को दिखाने के लिए किया गया एक अगंभिर प्रयास था।
भारतीय सरकारी अधिकारियों ने मीटिंग में यह भी बताया कि किस तरह 118 अन्य आतंकवादियों को पाकिस्तान सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहा है।
39 मेंबरों की यह समिति आम सहमति के नियम पर चलती है और इसी का फायदा उठाते हुए पाकिस्तान ने तीन देशों – मलेशिया, तुर्की और चीन को मना कर पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट से बचा लिया।