8 जुलाई, 1972 को जन्मे भारत के पूर्व कप्तान और दिग्गज खिलाडी सौरव गांगुली सोमवार को 47 वर्ष के हो गए। दादा के नाम से मशहूर, गांगुली भारतीय क्रिकेट के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों में से एक हैं।
सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने अपने आक्रामक रुख, सक्षम नेतृत्व, और शानदार बल्लेबाजी कौशल से भारतीय क्रिकेट को एक नयी दिशा प्रदान की।
311 एकदिवसीय मैचों में 11,363 रन के साथ, गांगुली वर्तमान में 50 ओवर के प्रारूप में भारत के लिए तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं।
सौरव गांगुली ने सचिन तेंदुलकर के साथ शानदार प्रदर्शन किया और दोनों ने 136 मैचों में 6,609 रन बनाए, जिसमें 21 शतकीय साझेदारियां और 23 अर्धशतकीय साझेदारियां शामिल थीं।
सौरव गांगुली (दादा) को 2000 में टीम की कप्तानी सौंपी गई थी, जब भारतीय क्रिकेट कठिनाईयों के दौर से गुजर रहा था। गांगुली ने भारतीय खिलाड़ियों की मानसिकता को बदल दिया और अपनी टीम को विदेशी धरती पर जीतने और आक्रामकता के साथ खेल खेलने के लिए प्रेरित किया।
एक कप्तान के रूप में, गांगुली भारत के संयुक्त रूप से विदेशों में सबसे सफल कप्तान हैं। उन्होंने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ ड्रॉ की और साथ ही पाकिस्तान को भी हराया।
गांगुली ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपनी पहली श्रृंखला में जीत के लिए टीम का नेतृत्व किया। उन्होंने 2000 आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी के फाइनल में भी अपनी टीम को सफलतापूर्वक पहुंचाया।
भारत के नेटवेस्ट त्रिकोणीय श्रृंखला में इंग्लैंड पर जीत के बाद लॉर्ड्स की बालकनी में जिस प्रकार से दादा ने अपनी खुसी का इज़हार किया वह भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे प्रतिष्ठित क्षणों में से एक है। इसके अलावा, उन्होंने 2003 विश्व कप के फाइनल में भारत का नेतृत्व किया।
दादा को जन्मदिन की बधाई देते हुए वीरेंदर सहवाग ने कुछ इस तरह ट्वीट किया
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