बच्चों को स्कूल छोड़ कर आने वाले वाहनों को ओड इवन नियम से राहत
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रिपोर्टर्स को बताया की नवंबर 4 से 15 के बीच में वाहनों पर लागू ओड इवन नियम में एक नया बदलाव लाया जाएगा। अपनी बात को स्पष्ट करते हुए केजरीवाल ने कहा कि जिन वाहनों में स्कूल जाने वाले छात्र सफर कर रहे होंगे, उन वाहनों को ओड इवन नियम से मुक्त कर दिया जाएगा।
परंतु इस नियम पर भी एक सवाल था की जो गाड़ियां बच्चों को स्कूल छोड़ कर अकेले वापस जा रही होंगी उनका अंदाजा किस तरह लगाया जाएगा। इस विवाद को शांत करने के लिए केजरीवाल के साथ मौजूद ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत ने कहा कि सरकार इस नियम की अधिक जानकारी जल्द प्रदान करेगी।
गहलोत ने कहा की अधिकतर स्कूल छोड़ कर आने वाले वाहन सुबह 7से 8 बजे के दौरान ही दिखाई देंगे। जो भी वाहनचालक है वह 8 बजे से पहले घर पहुंच जाएगा। इस प्रकार इन वाहनों का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
केजरीवाल ने पूरी बात समझाते हुए कहा कि जिस भी वाहन में स्कूल की यूनिफार्म में छात्र बैठा होगा, उन गाड़ियों को इस नियम से राहत दी जाएगी। 2016 में भी उन्होंने इस प्रकार की राहत प्रदान की थी परंतु उस समय इस नियम का उल्लंघन करने पर ₹2000 का जुर्माना था जिसे अब बढ़ाकर ₹4000 कर दिया गया है।
ओड इवन नियम के मुताबिक लाइसेंस प्लेट कर आख़िरी नंबर के ओड या इवन होने पर ही निर्भर करेगा कि आप किस दिन वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक दिन ओड नंबर की गाड़ियां चलेंगी और दूसरे दिन इवन नंबर की।
इस प्रकार दिल्ली में बढ़ रही ट्रैफिक की समस्या को कुछ कम किया जा सकता है और बढ़ रहे वायु प्रदूषण को भी रोका जा सकता है। दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण ने दिल्लीवालों की सेहत पर भी बुरा प्रभाव डाला है जिस वजह से सरकार इस पर नियंत्रण रखने का प्रयास कर रही है।
वाहन में अकेले सवार कर रही महिलाओं या 12 साल से कम उम्र के बच्चे के साथ जा रही महिलाओं को भी इस नियम से मुक्त किया गया है। दो पहिए वाले वाहनों को भी इस नियम से बाहर रखा गया है। यह नियम सुबह 8 बजे से ले कर रात्रि 8 बजे तक लागू रहेगा और रविवार को दिल्लीवालों को इससे राहत दी जाएगी।
केजरीवाल के इस नियम के अनुसार राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री गवर्नर, केंद्रीय मंत्री, मुख्य न्यायाधीश आदि के वाहनों को इस नियम में शामिल नहीं किया गया है।
केजरीवाल ने यह भी कहा कि उन्हें व आम आदमी पार्टी के किसी भी अन्य सदस्यों को इस नियम से राहत नहीं दी जाएगी। दूसरे राज्यों के भी सिर्फ मुख्यमंत्री और गवर्नर को ही इससे छूट दी जाएगी।
जनवरी और अप्रैल 2016 में इस नियम के चलते दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया था। नवंबर 2017 में इसके बेहतर परिणाम प्राप्त हुए थे।